यहाँ रात में रोती हैं आत्माएं। कहती हैं बचा लो हमें
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भारत में कई जगह हैं जहाँ आज भी भूतों का खौफ है. इसी अंधविश्वास कहें या लोगों का डर लेकिन लोग ये जरूर मानते हैं की वह जरुर कोई न कोई शक्ती है। ऐसे ही एक जगह है छतीसगढ़ के चिरमिरी में साजापहाड़।
स्थानीय लोगों के अनुसार आज भी शाम ढलते कोई उधर जाना नहीं चाहता. लोग कहते हैं शाम होते ही साजापहाड़ के पास कोयला काटने की आवाज आती है।
कहानी कुछ ऐसी है अंग्रेजों ने 1945 में साजापहाड़ में कोयला निकालने काम शुरू किया जो आजादी के बाद यहाँ के पूंजीपतियों के हाथ लगी कहते हैं 1960 में इसी खान में एक दुर्घटना हुई जिसमे एक पाली (एक शिफ्ट ) के सारे मजदूर मारे गए। ये दुर्घटना मैनेजर और ठेकेदार के आपस की कहासुनी में हुई गलत ब्लास्टिंग के कारण हुई। यहाँ तक की मैनेजर दुर्घटना के बाद खदान का मुँह बंद कर भाग गया जिससे लोग निकल भी नहीं पाए और अंदर ही फंसे रह गए . इस दुर्घटना में करीब 30 से 35 मजदूरों की मौत हुई. कई लोग कहते हैं आज भी साजापहाड़ की और जाने पर लोगो के चिल्लाने की आवाज आती है की हमें बचा लो नहीं तो हमारे परिवार भूखों मर जायेंगे।
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