गाली लौटा दी hindi dharmik story
भगवान बुद्ध उसकी गालियां शांत मन से सुनते रहे | ब्राम्हण को ये देखकर बार आश्चर्य हुआ |
उसने बोला मैंने तुम्हें इतनी गालियां दी तुम्हें बुरा नहीं लगा| तब भगवान बुद्ध ने उससे पूछा , जब तुम्हारे घर कोई अतिथि आता है तो तुम कई प्रकार के व्यंजन बनाते हो ?
हा बनाता हूँ |
और अगर वो अतिथि उसे न खाए तो वो किसके पास रहता है,
तो ब्राम्हण ने कहा मेरे पास ही.|
उसी प्रकार जो गालियां तुमने मुझे दी वो मेरे उपयोग की नहीं थी तो वो मैंने नहीं ली | अतः वो गलियां तुम्हारे पास ही रह गयी
ये सुनकर ब्रम्हां बहुत लज्जित हुआ और उसने क्षमा मांग ली.
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