भारत का अंतरराष्ट्रय अविष्कार
कहानी ऐसी है एक बंगाली उद्यमी शेख दीन महमूद ने 1814 में " महमूद का भारतीय वाष्प स्नान" नाम से इंग्लैंड में एक चंपी या चिकित्सात्मक मालिश का उपचार केंद्र खोला जिसकी सराहना वह खूब हुई। उन्हें दोनों जॉर्ज चतुर्थ और विलियम चतुर्थ के लिए, शिम्पू चिकित्सक नियुक्त किया गया। 1900 में, शब्द का अर्थ मालिश से बदलकर बालों को साबुन लगाना हो गया। इससे पहले आम साबुन को ही बाल धोने के लिए प्रयुक्त किया जाता था। लेकिन बालों मे रह गये साबुन से बालों को संवारना असुविधाजनक, परेशानी भरा बनाता था साथ ही बाल अस्वस्थ भी लगते थे। शैम्पू के प्रारंभिक चरण के दौरान, अंग्रेज केशसज्जक पानी में घिसा हुआ साबुन मिला कर उबालते थे और फिर इस मे बालों को चमक और सुगन्ध देने के लिए जड़ी बूटियों मिलाई जातीं थीं। कैसी हेबर्ट पहले ज्ञात निर्माता हैं जिन्होने पहले शैम्पू का निर्माण किया आधुनिक शैम्पू 1930 के दशक में अस्तित्व मे आया, जो पहला सिंथेटिक (बिना साबुन का) शैम्पू था.
No comments